डॉ.अरुण
कुमार निषाद
समकालीन
संस्कृत साहित्य के रचनाकारों में डॉ.प्रशस्य मित्र शास्त्री (संस्कृत व्यंग्यकार
के रुप में) का नाम बड़े ही सम्मान के साथ
लिया जाता है । आपको साहित्य अकादमी और राष्ट्रपति सम्मान भी प्राप्त हुआ है ।
आपका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सन् 1947 ई.
को हुआ था । आपने सन् 1973 ई. से 2011 ई. तक रायबरेली के फिरोज गाँधी पी.जी.
कालेज में अध्यापमन कार्य किया है ।
रचनायें-
अभिनव-संस्कृत गीतमाला-1975, आचार्य महीधर एवं स्वामी दयानन्द का माध्यन्दिन-भास्य1984, हासविलास:(पद्य रचना)-1986, (उ.प्र.संस्कृत संस्थान
का विशेष पुरस्कार प्राप्त) व्यंग्यविलास:, (संस्कृत-भाषा
में सर्वप्रथम सचित्र व्यंग्यनिबन्ध)-1989, कोमलकण्टकावलि:(संस्कृत व्यंग्य
काव्य रचना, हिन्दी पद्यानुवाद सहित)-1990, अनाघ्रातं पुष्पम् (कथा संग्रह)-1994,(दिल्ली
संस्कृत अकादमी का विशेष पुरस्कार) नर्मदा(संस्कृत काव्यसंग्रह)-1997, (उ.प्र.संस्कृत संस्थान का विशेष पुरस्कार प्राप्त) आषाढ़स्य प्रथम दिवसे,(कथा-संग्रह)-2000
हास्यं-सुध्युपास्यम् (हिन्दी पद्यानुवाद सहित 2013), (राजस्थान संस्कृत अकादमी का सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त) अनभीप्सित्म`(आधुनिक कथासंग्रह), (साहित्य अकादमी द्वारा
पुरस्कृत), व्यंग्यार्थकौमुदी (हिन्दी पद्यानुवास
सहित-2008(म.प्र.शासन द्वारा अखिल भारतीय कालिदास –पुरस्कारसे पुरस्कृत) आदि आप की
प्रमुख रचनाएँ हैं ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें