प्रताप-विजय:
‘प्रताप-विजय:’ ईशदत्त पाण्डेय द्वारा प्रणीत यह एक लघुकाव्य है । ईशदत्त पाण्डेय का जन्म
1915 ई. में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के ‘मुगमास’ ग्राम में हुआ था । इनकी मृत्यु 1944 ई. में हुई ।
इस काव्य में कवि भारतवर्ष और
फिर मेवाड़भूमि की कथा का गान करता है और तब ‘प्रतापी-प्रताप’-शीर्षक से महाराणा प्रताप की शौर्यकथा कहने लगता है ।
अटाट्यमानो ह्यटवीषु सन्ततं
स्वतन्त्रतार्थं सकलत्रपुत्रक:
।
अवाप दु:खं न हि किं व्यथाकुल:
स वीरतायास्तनयो वरान्वित: ॥
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें