आधुनिक संस्कृत साहित्य से
परिचित कराता एक अनुपम निबन्ध संग्रह
संस्कृत हमारी सांस्कृतिक भाषा है, क्योंकि
संस्कृत में ही हमारी संस्कृति और सभ्यता निहित है | संस्कृत साहित्य अगाध और
विशाल है, जिसमें विश्व का कोई भी विषय अछूता नहीं रहा है | विश्व के समस्त विषय
संस्कृत में वर्णित हैं, यथा- भूगोल, खगोल, विज्ञान, इतिहास, साहित्य, संगीत, कला,
गणित, आयुर्वेद, ज्योतिष, रसायन, अर्थशास्त्र, राजनीति, कूटनीति आदि अनेक विषयों
का संकलन संस्कृत में पाया जाता है |संस्कृत-साहित्य का अपना स्वरूप और अपना
इतिहास है | यह सुदीर्घकाल से बहती हुई अलकनंदा है जिसमें सजीवता और झंकृति है, यह
तरंगायित है और सहृदयों के तारों को कंपन किये बिना नहीं रहती है |
इस पुस्तक “आधुनिक संस्कृत साहित्य : विविध आयाम ” में कुल
32 शोधपत्र सम्मिलित हैं जिसमें संस्कृत साहित्य के समकालीन रचनाकारों के संस्कृत
साहित्य में योगदान पर प्रकाश डाला गया है |
1.संस्कृत
पत्र-पत्रिकाओं का परिचय और वैशिष्ट्य
2.आधुनिक संस्कृत-साहित्य में
स्त्री-विमर्श
3.डॉ.पुष्पा दीक्षित के काव्यों में संस्कार
तत्त्व
4.जल
ही जीवन है : ‘रक्षत गंगाम्’ महाकाव्य के आलोक में
5.डॉ.
(श्रीमती) महाश्वेता चतुर्वेदी की रचनाधर्मिता
6.डॉ.
आभा झा की नाट्यगत विशेषतायें
7.‘वज्रमणि:’ उपन्यास में नारी-चेतना
8.‘संस्कृत -गीतमालिका’ काव्य में संगीत कला
9.आधुनिक
संस्कृत कविता और संस्कृतेतर शब्द
10.डॉ.
कमला पाण्डेय की रचनाओं में छन्द-विधान
11.आधुनिक संस्कृत वाङ्मय में जीवनचरित्र-परक साहित्य
(पण्डिता क्षमाराव के काव्यों के विशेष सन्दर्भ में )
12. अर्वाचीन संस्कृत साहित्य में डॉ.
मिथिलेश कुमारी मिश्रा का अवदान
13.आधुनिक
संस्कृत-वाड़्मय में उ.प्र.की महिलाओं की भूमिका
14.आधुनिक संस्कृत
कविता और नारीवाद
15.आधुनिक
संस्कृत कविताओं में माँ
16.आधुनिक
संस्कृत काव्यों में निरूपित विदेशी छन्द
17.आधुनिक
संस्कृत काव्यों में निहित भारतीय संस्कृति
18.आधुनिक
संस्कृत-काव्यों में राष्ट्रीय-चेतना
(कवयित्रियों
के विशेष सन्दर्भ में)
19.आधुनिक
संस्कृत साहित्य और लोकगीत परम्परा
20.आधुनिक
संस्कृत साहित्य में विदेशी विद्वानों का
योगदान
21.आधुनिक
संस्कृत-कथाओं में निरूपित सामाजिक-समस्यायें
22.‘जिजीविषा’ कथा संग्रह में वर्णित सामाजिक-समस्यायें
23.डॉ.नलिनी
शुक्ला के काव्य में काव्य तत्त्व विमर्श
24.संस्कृत नाट्य परम्परा में डॉ. मीरा द्विवेदी का अवदान
25.आधुनिक
संस्कृत काव्य और विदेशजवाद
26.वैश्वीकरण
के युग में संस्कृत भाषा का योगदान
27.संस्कृत
साहित्य में नेपाली विद्वानों का योगदान
28.
संस्कृत-पत्रकारिता में महिलाओं की भूमिका
29. ‘मनोऽनुरञ्जिनी’ काव्यसंग्रह में वर्णित में
नारी-सौन्दर्य
30.‘कस्य
निमित्तम्’ नाटक में जन-कल्याण की भावना
31.
आधुनिक संस्कृत साहित्य में डॉ. नवलता का योगदान
32.काव्य-
वैविध्य की कवयित्री : पण्डिता क्षमाराव
अरुण जी की इस नयी पुस्तक के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं । वह इसी प्रकार लिखते-पढते रहें और साहित्य सेवा करते रहें ।
यह
पुस्तक अमेजन पर उपलब्ध है।
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समीक्षक – काली
सहाय
पुस्तक-आधुनिक संस्कृत साहित्य : विविध आयाम
लेखक-डॉ.अरुण कुमार निषाद
प्रकाशन-नोशन प्रकाशन चेन्नई ।
प्रथम संस्करण- मार्च 2020
मूल्य-665 रुपया
पृष्ठ-427।
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