यह पुस्तक
आधुनिक काल में सन् 1980 ई. से लेकर 2000 ई. तक के संस्कृत नाटकों तथा नाटककारों
का परिचय,उनमें नाट्यशास्त्र के नियमों की
विद्यमानता, लोक नाट्य धर्मिता आदि विविध रूप से नाटकों की समीक्षा प्रस्तुत करती है।
इसमें प्रो0 राजेन्द्र मिश्र अभिराज मिश्र, प्रो0 राधावल्लभ त्रिपाठी, प्रो0 रेवाप्रसाद द्विवेदी, प्रो0 राम जी उपाध्याय, प्रो0 शिवजी उपाध्याय,आचार्य मतिनाथ मतङ्ग, वनेश्वर पाठक, आचार्य रमाकान्त शुक्ल, प्रो0 इच्छाराम द्विवेदी, आचार्य शिव प्रसाद भारद्वाज इत्यादि वरिष्ठतम विद्वानों के संस्कृत नाटकों पर आधारित है।
इस पुस्तक में सात अध्याय हैं-
1.नाट्यशास्त्र का इतिहास, नाटकों की उत्पत्ति एवं बीसवीं शताब्दी के नाटककारों का परिचय
2.नाटकों का क्रमिक विकास
3.संस्कृत नाटकों में समसामयिक प्रवृत्तियों का निरुपण एवं समाधान
4.रुपकों का नाट्यशास्त्रीय अध्ययन
5.वर्तमान संस्कृत नाटक एवं लोकनाट्य का अन्त:सम्बन्ध
6.आधुनिक संस्कृत नाटकों के प्रस्तुतीकरण के सम्बन्ध में साम्प्रतिक प्रविधियों की उपादेयता
7.उपसंहार ।
समीक्षक-डॉ.अरुण कुमार निषाद
इसमें प्रो0 राजेन्द्र मिश्र अभिराज मिश्र, प्रो0 राधावल्लभ त्रिपाठी, प्रो0 रेवाप्रसाद द्विवेदी, प्रो0 राम जी उपाध्याय, प्रो0 शिवजी उपाध्याय,आचार्य मतिनाथ मतङ्ग, वनेश्वर पाठक, आचार्य रमाकान्त शुक्ल, प्रो0 इच्छाराम द्विवेदी, आचार्य शिव प्रसाद भारद्वाज इत्यादि वरिष्ठतम विद्वानों के संस्कृत नाटकों पर आधारित है।
इस पुस्तक में सात अध्याय हैं-
1.नाट्यशास्त्र का इतिहास, नाटकों की उत्पत्ति एवं बीसवीं शताब्दी के नाटककारों का परिचय
2.नाटकों का क्रमिक विकास
3.संस्कृत नाटकों में समसामयिक प्रवृत्तियों का निरुपण एवं समाधान
4.रुपकों का नाट्यशास्त्रीय अध्ययन
5.वर्तमान संस्कृत नाटक एवं लोकनाट्य का अन्त:सम्बन्ध
6.आधुनिक संस्कृत नाटकों के प्रस्तुतीकरण के सम्बन्ध में साम्प्रतिक प्रविधियों की उपादेयता
7.उपसंहार ।
समीक्षक-डॉ.अरुण कुमार निषाद
लेखिका-डॉ.कल्पना द्विवेदी (असिस्टेण्ट प्रोफेसर, श्री एकरसानन्द आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, मैनपुरी)
प्रकाशन-देववाणी परिषद्, दिल्ली
प्रकाशन वर्ष-2015
मूल्य
-250 रुपया
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