समकालीन
संस्कृत कवियों की कविताओं का अद्वितीय संकलन
डॉ.अरुण कुमार निषाद
आधुनिक संस्कृत कविताओं को समर्पित अर्धवार्षिक पत्रिका ‘काव्यामृतवर्षिणी’ का नवीन अंक (जुलाई-दिसम्बर
2019) अत्यन्त ही रोचक, ज्ञानवर्धक और संग्रहणीय है । ‘वसन्तिलका’ छन्द से निबद्ध इस रचना में 35 कवियों की
कविताओं को संकलित किया गया है । इसके पहले शिखरिणी, शार्दूलविक्रीडित,
मन्दाक्रान्ता, मालिनी आदि छन्दों से सुसज्जित
इस पत्रिका के पूर्व अंक प्रकाशित हो चुके हैं । पत्रिका का यह तीसरा वर्ष है । संपादक
डॉ.अरविन्द कुमार तिवारी ने बताया कि इस पत्रिका का आने वाला अगला अंक ‘द्रुतविलम्बितम् छन्द’ पर आधारित होगा । उन्होंने
बताया कि उनका यह प्रयास रहता है कि प्रत्येक अंक में कम-से-कम दो नवोदित कवियों
को इस पत्रिका में स्थान दिया जाय ।
इसमें
कुछ संस्कृत जगत के लब्ध प्रतिष्ठित (पद्मश्री प्रो. अभिराज राजेन्द्र मिश्र, डॉ.कृपाराम त्रिपाठी, प्रो.शिवजी उपाध्याय आचार्य
सुधाकराचार्य, प्रो.रहस बिहारी द्विवेदी, डॉ.प्रभुनाथ द्विवेदी, डॉ.कमला पाण्डेय, डॉ.महेश झा, प्रो.धर्मदत्त चतुर्वेदी, डॉ.निरंजन मिश्र, डॉ.राजेन्द्र त्रिपाठी’रसराज’, डॉ.प्रशस्य मित्र शास्त्री, डॉ.रामविनय सिंह, युवराज भट्टराई, डॉ.शैलेश कुमार तिवारी, डॉ.परमानन्द झा, डॉ.बलराम शुक्ल, डॉ.कृष्ण मोहन पाण्डेय, डॉ.लक्ष्मी नारायण पाण्डेय, डॉ.राजकुमार मिश्र,
डॉ.अरविन्द कुमार तिवारी, डॉ.संजय चौबे,
प्रेम शंकर शर्मा, डॉ.हरेकृष्ण मेहरे, डॉ.प्रदीप्त कुमार पण्डा, प्रो.वागीश दिनकर, डॉ.शशिकान्त तिवारी’शशिधर’, आचार्य राजवीर सिंह आदि) का भी है तो कुछ
नवोदित (डॉ.जोगेन्द्र कुमार, श्री हरिदत्त शर्मा, हेमचन्द्रबेलवाल ‘हिमांशु’ आदि) भी । कुछ की पहली कविता ही इसमें
प्रकाशित हुई है ।
संपादक डॉ.अरविन्द तिवारी ने अपने गुरु ‘जगद्गुरु
वासुदेवाचार्यविद्याभास्कर’ की कविता से इस अंक की
शुरुआत की है । प्रकाशन की कविताओं को पढ़ने से स्पष्ट हो जाता है कि इसके प्रकाशन
में संपादक -प्रकाशक ने बहुत परिश्रम किया है । डॉ.तिवारी का यह परिश्रम और प्रयास
उन शोधार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा जो आधुनिक संस्कृत के साहित्यकारों
और उनकी कृतियों पर शोध कार्य कर रहे हैं । अगर डॉ.तिवारी अपने आने वाले अंकों में
पत्रिका के रचनाकारों का छायाचित्र और उनका पूरा पता (ईमेल,
मोबाइल नंबर तथा निवास स्थान का पता या कार्यालय का पता) प्रकाशित करें तो
शोधार्थियों और पाठकों को उनसे संपर्क करने में सुगमता होगी ।
यह नवीन पीढ़ी को छन्दोरचना
के लिये प्रेरित करने वाली पत्रिका है । कवितायें एक से बढ़कर एक उत्तम कोटि तथा
सोचने को बाध्य करने वाली हैं । इस प्रकाशन का बहुत स्वागत होगा इसमें कोई संदेह
नहीं है । इसके लिए संपादक डॉ. अरविन्द
कुमार तिवारी साधुवाद के पात्र हैं । उन्हें भविष्य के लिए अशेष शुभकामनायें
।
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