शुक्रवार, 10 जून 2016

जयतु संस्कृत


विभिन्न संस्थाओं के संस्कृत ध्येय वाक्य ===
:
आर्य समाज-॥कृण्वन्तो विश्वमार्यम॥
:
आर्य वीर दल-॥अस्माकं वीरा उत्तरे भवन्तु॥
:
भारत सरकार-॥सत्यमेव जयते॥
:
लोक सभा-॥धर्मचक्र प्रवर्तनाय॥
:
उच्चतम न्यायालय-॥यतो धर्मस्ततो जयः॥
:
आल इंडिया रेडियो- ॥बहुजनहिताय बहुजनसुखाय॥‌
;
दूरदर्शन-॥सत्यं शिवम् सुन्दरम्॥
:
गोवा राज्य-॥सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्॥
:
भारतीय जीवन बीमा निगम-॥योगक्षेमं वहाम्यहम्॥
:
डाक तार विभाग -॥अहर्निशं सेवामहे॥
:
श्रम मंत्रालय -॥श्रम एव जयते॥
:
भारतीय सांख्यिकी संस्थान -॥भिन्नेष्वेकस्यदर्शनम्॥
:
थल सेना -॥सेवा अस्माकं धर्मः॥
:
वायु सेना -॥नभःस्पृशं दीप्तम्॥
:
जल सेना -॥शं नो वरुणः॥
:
मुंबई पुलिस -॥सद्रक्षणाय खलनिग्रहणाय॥
:
हिंदी अकादमी -॥अहम् राष्ट्री संगमनी वसूनाम॥
:
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञानं अकादमी -॥हव्याभिर्भगः सवितुर्वरेण्यं॥
:
भारतीय प्रशासनिक सेवा अकादमी -॥योगः कर्मसु कौशलं॥
:
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-॥ज्ञान-विज्ञानंविमुक्तये॥
:
नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन -॥गुरुः गुरुतामो धामः॥
:
गुरुकुल काङ्गडी विश्वविद्यालय-॥ब्रह्मचर्येण तपसा देवा मृत्युमपाघ्नत॥
:
इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय-॥ ज्योतिर्व्रणीत तमसो विजानन॥
:
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय-॥विद्ययाऽमृतमश्नुते॥
:
आन्ध्र विश्वविद्यालय -॥तेजस्विनावधीतमस्तु॥
:
बंगाल अभियांत्रिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय,शिवपुर -॥उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान् निबोधत॥
:
गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय -॥आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः॥
:
संपूणानंद संस्कृत विश्वविद्यालय -॥श्रुतं मे गोपय॥
:
श्री वैंकटेश्वर विश्वविद्यालय-॥ज्ञानं सम्यग् वेक्षणम्॥
:
कालीकट विश्वविद्यालय -॥निर्मय कर्मणा श्री॥
:
दिल्ली विश्वविद्यालय -॥निष्ठा धृति: सत्यम्॥
:
केरल विश्वविद्यालय -॥कर्मणि व्यज्यते प्रज्ञा॥
:
राजस्थान विश्वविद्यालय -धर्मो विश्वस्य जगतः प्रतिष्ठा॥
:
पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञानविश्वविद्यालय-॥युक्तिहीने विचारे तु धर्महानि: प्रजायते॥
:
वनस्थली विद्यापीठ -॥सा विद्या या विमुक्तये॥
:
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्(एन॰सी॰ई॰आर॰टी)-॥विद्ययाऽमृतमश्नुते॥
:
केन्द्रीय विद्यालय -॥तत् त्वं पूषन् अपावृणु॥
:
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड -॥असतो मा सद् गमय॥
:
प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, त्रिवेन्द्रम-॥कर्म ज्यायो हि अकर्मण:॥
:
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर-॥धियो यो नः प्रचोदयात्॥
:
गोविंद बल्लभ पंत अभियांत्रिकी महाविद्यालय,पौड़ी-॥तमसो मा ज्योतिर्गमय॥
:
मदन मोहन मालवीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय,गोरखपुर -॥योगः कर्मसु कौशलम्॥
:
भारतीय प्रशासनिक कर्मचारी महाविद्यालय,हैदराबाद-॥संगच्छध्वं संवदध्वम्॥
:
इंडिया विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय विधिविद्यालय -॥धर्मो रक्षति रक्षितः॥
:
संत स्टीफन महाविद्यालय, दिल्ली -॥सत्यमेव विजयते नानृतम्॥
:
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान -॥शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्॥
:
विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,नागपुर -॥योग: कर्मसु कौशलम्॥
:
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,इलाहाबाद -॥सिद्धिर्भवति कर्मजा॥
:
बिरला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान,पिलानी -॥ज्ञानं परमं बलम्॥
:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर -॥योगः कर्मसु कौशलम्॥
:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई -॥ज्ञानं परमं ध्येयम्॥
:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर -॥तमसो मा ज्योतिर्गमय॥
:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई -॥सिद्धिर्भवति कर्मजा॥
:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की -॥श्रमं विना न किमपि साध्यम्॥
:
भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद -॥विद्या विनियोगाद्विकास:॥
:
भारतीय प्रबंधन संस्थान बंगलौर -॥तेजस्वि नावधीतमस्तु॥
:
भारतीय प्रबंधन संस्थान कोझीकोड -॥योगः कर्मसु कौशलम्॥
:
सेना ई एम ई कोर -॥कर्मह हि धर्मह॥
:
सेना राजपूताना राजफल -॥वीर भोग्या वसुन्धरा॥
:
सेना मेडिकल कोर -॥सर्वे संतु निरामया॥
:
सेना शिक्षा कोर -॥विदैव बलम्॥
:
सेना एयर डिफेन्स -॥आकाशेय शत्रुन जहि॥
:
सेना ग्रेनेडियर रेजिमेन्ट -॥सर्वदा शक्तिशालिं॥
:
सेना राजपूत बटालियन -॥सर्वत्र विजये॥
:
सेना डोगरा रेजिमेन्ट -॥कर्तव्यम अन्वात्मा॥
:
सेना गढवाल रायफल -॥युद्धया कृत निश्चया॥
:
सेना कुमायू रेजिमेन्ट -॥पराक्रमो विजयते॥
:
सेना महार रेजिमेन्ट -॥यश सिद्धि॥
:
सेना जम्मू काश्मीर रायफल -॥प्रस्थ रणवीरता॥
:
सेना कश्मीर लाइट इंफैन्ट्री-॥बलिदानं वीर लक्षयं॥
:
सेना इंजीनियर रेजिमेन्ट -॥सर्वत्र॥
:
भारतीय तट रक्षक -॥व्याम रक्षामह॥
:
सैन्य विद्यालय -॥युद्धं प्र्गायय॥
:
सैन्य अनुसंधान केंद्र -॥बालस्य मूलं विज्ञानम॥
:
नेपाल सरकार -॥जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी॥
:
इंडोनेशिया जलसेना -॥जलेष्वेव जयामहे॥
:
असेह राज्य (इंडोनेशिया) -॥पञ्चचित॥
:
कोलंबो विश्वविद्यालय (श्रीलंका) -॥बुद्धि: सर्वत्र भ्राजते॥
:
मोराटुवा विश्वविद्यालय (श्रीलंका) -॥विद्यैव सर्वधनम्॥
:
पेरादेनिया विश्वविद्यालय (श्रीलंका) -॥सर्वस्य लोचनं शास्त्रम्॥
:
संस्कृत ही भारत का मूल है, भारत का विकास इसीसे संभव है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें