शुक्रवार, 25 अगस्त 2017

ऋषिका दक्षिणा

ऋषिका दक्षिणा
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आत्मरूप का वर्णन करने वाली दक्षिणा,रात्रि, श्रद्धा तथा शची नाम कि ऋषिकाएं हैं ।इन ऋषिकाओंक्षके द्वारा अपने ही चरित का गान किए जाने से वह अपने द्वारा दृष्ट सूक्तों की देवता भी हैं ।इन्हीं में दक्षिणा ने दिव्य नामक अंगिरस् ऋषि के साथ दशम मंडल के 10 7 वें सूक्त का दर्शन किया है ।
वस्तुतः दक्षिणा आदर पूर्वक किया गया कार्य का पारिश्रमिक है । इसमें कार्य संपादक व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता तथा कार्य के प्रति सम्मान आदर व्यक्त होता है । आदर्श समाज के लिए कर्म कराने  तथा कर्म करने वाला दोनों ही पूज्य हैं।

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