शुक्रवार, 25 अगस्त 2017

ऋषिका दक्षिणा

ऋषिका दक्षिणा
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आत्मरूप का वर्णन करने वाली दक्षिणा,रात्रि, श्रद्धा तथा शची नाम कि ऋषिकाएं हैं ।इन ऋषिकाओंक्षके द्वारा अपने ही चरित का गान किए जाने से वह अपने द्वारा दृष्ट सूक्तों की देवता भी हैं ।इन्हीं में दक्षिणा ने दिव्य नामक अंगिरस् ऋषि के साथ दशम मंडल के 10 7 वें सूक्त का दर्शन किया है ।
वस्तुतः दक्षिणा आदर पूर्वक किया गया कार्य का पारिश्रमिक है । इसमें कार्य संपादक व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता तथा कार्य के प्रति सम्मान आदर व्यक्त होता है । आदर्श समाज के लिए कर्म कराने  तथा कर्म करने वाला दोनों ही पूज्य हैं।

बुधवार, 23 अगस्त 2017

वदतु संस्कृतम्



१  लिड़्गभेदज्ञापनम्
   
#  सः सुधाखण्डः
    सः चषकः
    सः चमषः

# सा कुञ्चिका
    सा ध्वनिमुद्रिका
    सा जलकुपी

# तद् फलम्
   तद् पुष्पम्
   तद् शिलाखण्डम्


२ वहुवचन

# बालकः--बालकाः
    लेखकः--लेखकाः
   सैनिकः--सैनिकाः

# बालिका--बालिकाः
    लेखिका--लेखिकाः
    नायिका--नायिकाः

#  पुष्पम्--पुष्पाणि
     फलम्--फलानि
     मित्रम्--मित्राणि

३  ते के ?/ ताः काः ?/ तानि कानि ?

#  ते बालकाः/शिक्षकाः/नायकाः

# ताः बालिकाः/छात्राः/नायिकाः

# तानि फलानि/पुष्पाणि/मित्राणि



४  एते के ?/ एताः काः ?/एतानि  कानि ?

# एते शिक्षकाः/चषकाः/चमषाः

# एताः लेखन्यः/शाटिकाः/शिटिकाः

# एतानि परिचयपत्राणि/दन्तफेनकानि/स्नानफेनकानि


५ भवन्तः/भवत्यः/वयम्

# भवन्तः बालकाः/शिक्षकाः/राष्टसेवकाः

# भवत्यः नायिकाः/गायिकाः/पाचिकाः

# वयं राष्टसेवकाः/नायकाः/लेखकाः


६  सन्ति/कति ?

 # अत्र दश मृगाः सन्ति ।
    अत्र कति मृगाः सन्ति ?
   
   अत्र दश शिक्षकाः सन्ति ।
   अत्र कति शिक्षकाः सन्ति ?


७  सप्तमी विभक्ति ।

 #  हस्तः--हस्ते
     बिद्यालयः--बिद्यालये
     हस्ते कलमः अस्ति
 
# पेटिका--पेटिकायाम्
    खातिका--खातिकायाम्
    पेटिकायां धनं सन्ति ।
    खातिकायां कर्गजानि सन्ति

८  वासराणां नामानि
   
# सोमवासरः/मंगलवासरः/वुधवासरः/गुरूवासरः/शुक्रवासरः/शनिवासरः/रविवासरः

९  अद्य/श्वः/परश्वः/प्रपरश्वः

 # अद्य--अद्य सोमवासरः
     श्वः--श्वः मंगलवासरः
     परश्वः-परश्वः वुधवासरः
     प्रपरश्वः--प्रपरश्वः गुरूवासरः

#  अद्य/ह्यः/परह्यः/प्रपरह्यः
   
     अद्य--अद्य सोमवासरः
     ह्यः--ह्यः रविवासरः
     परह्यः--परह्यः शनिवासरः
    प्रपरह्यः--प्रपरह्यः शुक्रवासरः

१० गच्छन्ति/गच्छन्तु/गच्छामः

# बालकाः गच्छन्ति/धावन्ति/ खादन्ति

#  भवन्तः पिवन्तु/लिखन्तु/आगच्छन्तु

# वयं क्रिडामः/पश्यामः/कुर्मः


११ शिष्टाचारः--नमस्ते/सुप्रभातम्/शुभरात्री/सुसायम्/सुमध्यानम्/क्षम्यताम्/चिन्तामास्तु


१२  प्रातः विधि--मुखप्रक्षालनम्/दन्तधावनम्/शौचम्/स्नानम्/देवपुजनम्/भोजनम्


१३  संख्याः--१•••••••५०


१४  समयः--
      ०५•०५--पञ्चाधिक पञ्चवादनम्
      ०५•१०--पञ्चाधिक दशवादनम्
      ०५•५५--पञ्चोन षड् वादनम्
      ०५•५०--दशोन षड् वादनम्


        समाप्तम्


शनिवार, 5 अगस्त 2017

आधुनिक संस्कृत साहित्य में डॉक्टर राजेन्द्र त्रिपाठी'रसराज' क्या योगदान

परिचायिका—
* नाम : डॉ.राजेन्द्र त्रिपाठी 'रसराज '
*पिता : श्री राम निहोर त्रिपाठी
*माता : श्रीमती कमला त्रिपाठी
*भार्या: श्रीमती डॉ.रेखा त्रिपाठी
*पुत्री : कु.माधवी त्रिपाठी
*पुत्र : तुषित त्रिपाठी
*जन्मतिथि : 12. 03.1962
*जन्मभूमि : ग्राम -दरबेशपुर, पत्रालय -भरवारी, जनपद -कौशाम्बी, पूर्व - (इलाहाबाद) *वर्तमान निवास - 'रसराज निवास ' 2 A/1 मिन्टोरोड, इलाहाबाद, पिन -211001 मो.09415645722
*email:  rasrajkaushambi@ gmail.com
*सम्प्रति : अध्यक्ष -संस्कृत विभाग इलाहाबाद डिग्री कॉलेज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय
*शैक्षिक योग्यता : प्रारम्भिक शिक्षा से एम.ए. पर्यन्त समस्त परीक्षायें प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण. एम.ए. (संस्कृत, हिन्दी) डी.फिल् (इलाहाबाद विश्वविद्यालय)
*शोधकार्य : रूप गोस्वामी की नाट्यकृतियों का आलोचनात्मक अध्ययन
*शोधनिर्देशक : गुरुवर्य प्रो. अभिराज राजेन्द्र मिश्र (पूर्व कुलपति, सम्पूर्णानन्द संस्कृत वि.वि.वाराणसी)
*अभिरुचि : कविता, कहानी, वार्ता, लेखन, आदि का प्रकाशन एवं प्रसारण,
*सस्वर काव्यपाठ, मंच प्रस्तुति, नाट्य अभिनय,रेडियो, टेलीविज़न से कार्यक्रमों की प्रस्तुति एवं प्रसारण ।सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कवि सम्मेलनों,
*संगोष्ठियों, रितिक परेड जैसे अन्यान्य क्षेत्रों में उद्घोषक एवं मंच संचालन।
*सहभागिता : राष्ट्रीय एवं अन्ताराष्ट्रिय संस्कृत एवं हिन्दी कविसम्मेलनों, संगोष्ठियों/ सम्मेलनों में सहभागिता, शोधपत्र प्रस्तुति,
*शैक्षणिक गतिविधियों में विषय विशेषज्ञ और शिक्षाविद् सदस्य के रूप में सहभागिता। *प्रकाशन : 88 से अधिक शोधपरक निबन्धों, आलेखों, एवं शोधपत्रों का विविध पत्र, पत्रिकाओं तथा जर्नल्स में प्रकाशन।
* 67 से अधिक राष्ट्रीय एवं अन्ताराष्ट्रिय संगोष्ठियों में प्रतिभागिता एवं शोधपत्र प्रस्तुति। * संस्कृत, हिन्दी कविताओं का अन्यान्य पत्रिकाओं में प्रकाशन ।
*प्रकाशित पुस्तकें : 1. रूपगोस्वामी का नाट्यशिल्प (शोधप्रबन्ध)
2.रसराज तरङ्गिणी (हिन्दी गीत संग्रह) 3.रसराज -मञ्जूषा (आलेख संग्रह) उत्तर प्रदेश संस्थान, लखनऊ से पुरस्कृत, 2013 4.रसराज-स्वर -लहरी (सस्वर हिन्दी गीत- आडियो सी.डी.) कुम्भ प्रयाग 2013 के अवसर पर रिलीज हुई!
 5. कौशाम्बी -महिमा -हिन्दी एकांकी
6.रसराजतोषिणी- संस्कृत-गीत-संग्रह
*प्रकाशनोन्मुख : संस्कृत ग्रन्थों में कौशाम्बी -अतीत और वर्तमान, संस्कृत ग्रन्थों में संगीत,  *विशेष : कौशाम्बी शोध संस्थान के निदेशक रूप में शोधकार्य तथा तत्सम्बन्धित प्रकाशन । *प्रशस्ति एवं पुरस्कार : उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी, लखनऊ से पुरस्कृत, अनेक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं, प्रशासनिक विभागों, अनेक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों से सम्मानित एवं पुरस्कृत । *विदेश यात्रा ***********
* नेपाल (काठमाण्डू) के भारतीय दूतावास में आयोजित हिन्दी काव्यगोष्ठी में काव्यपाठ **********************
*विश्वसंस्कृत सम्मेलन बैंगकॉक (28 जून से 02 जुलाई, 2015) में प्रतिभागिता , शोधपत्र-प्रस्तुति एवं संस्कृत-कवि -सम्मेलन में काव्यपाठ। *******************************************
* हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से संस्कृत महामहोपाध्याय की मानद उपाधि, 27 मई 2016
*48thऑल इण्डिया ओरियण्टल कॉन्फ्रेंस, 2016 उत्तराखण्ड संस्कृत वि.वि.हरिद्वार में कार्यकारिणी समिति (एक्जीकयूटिव कमेटी)  में सदस्य के रूप में निर्वाचित।
* दिल्ली दूरदर्शन पर संस्कृत कार्यक्रम  'वार्तावली ' में प्रसारित साक्षात्कार   - 01 व 02 अक्टूबर (शनिवार व रविवार ) 2016 .
* आकाशवाणी इलाहाबाद से 51 से अधिक संस्कृत एवं हिन्दी में गीतों का सस्वर
 काव्यपाठ, कहानी,वार्ता, आदि का प्रसारण।
*इलाहाबाद/ लखनऊ दूरदर्शन संस्कृत/ हिन्दी कार्यक्रमों में प्रसारण।
*राष्ट्रीय एवं अन्ताराष्ट्रिय दूरदर्शन के विविध चैनलों से काव्यपाठ, एपीसोड एवं डॉक्यूमेट्री फिल्मों में कार्यक्रम प्रस्तुति एवं सहभागिता।
* पीस ऑफ माइण्ड चैनेल पर प्रसारित काव्य सरिता के 6 एपीसोड में काव्यपाठ प्रसारित।आस्था आदि चैनेलों पर प्रसारण!
* विश्वविद्यालयीय एवं महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना में, स्वयंसेवक, कार्यक्रम अधिकारी, पत्रिका सम्पादन, उद्घोषक, काव्यपाठ, आदि विविध कार्यक्रम में सोत्साह सहभागिता , श्रमदान और योगदान ।
* साक्षरता अभियान जैसे कार्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त रिसोर्स पर्सन (सन्दर्भ दाता) के रूप में योगदान।इलाहाबाद एवं कौशाम्बी जनपद की जिला साक्षरता समितियों में शिक्षाविद् सदस्य के रूप में योगदान।
*दिल्ली दूरदर्शन से साक्षारता से सम्बन्धित रूँगटा संस्था द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंटरी फिल्म में कथा-प्रस्तुति।
* जिला प्रशासन इलाहाबाद व कौशाम्बी की अनेक समितियों में शिक्षाविद् सदस्य के रूप में सहभागिता।