अइउण्,ऋलृक् आदि ये चौदह सूत्र हैं, इसलिए इन्हें चतुर्दश सूत्र कहते हैं। इन सूत्रों से प्रत्याहार बनाए जाते हैं अतः इन्हें प्रत्याहार सूत्र भी कहते हैं। भगवान शिव के डमरू से निकलकर पाणिनि को प्राप्त हुए अतः इन्हें शिवसूत्र या माहेश्वरसूत्र भी कहते हैं। इन सूत्रों में संस्कृत की वर्णमाला है अतः इन्हें वर्ण समाम्नाय भी कहते हैं।
इन चतुर्दश सूत्रों का प्रयोजन अण्,अच् आदि प्रत्ययों की सिद्धि है।
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