कविता क्या है
बतलाओ न
क्यों छुपाते हो
कवि जी
डरते किससे
अपनो से?
समाज से?
जानते हैं सभी
क्या है मन में
हम सबके
बस कहता नहीं
तुमसे कोई
होता है सब में
एक कवि
बस कहता नहीं
हर कोई
©अरुण निषाद
बतलाओ न
क्यों छुपाते हो
कवि जी
डरते किससे
अपनो से?
समाज से?
जानते हैं सभी
क्या है मन में
हम सबके
बस कहता नहीं
तुमसे कोई
होता है सब में
एक कवि
बस कहता नहीं
हर कोई
©अरुण निषाद
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