इनका समय ईसा की 18वीं शताब्दी का उत्तरार्ध माना जाता है.इनके पिता का नाम वैद्यगोपालदास तथा माता का नाम सन्तोषा था. ये वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयायी थे. इनकी छन्दोमञ्जरी मेम 6 स्तबक हैं.
रचनायें-
1.अच्युतचरित-महाकाव्य
2.कृष्णशतक-खण्डकाव्य
3.सूर्यशतक-खण्डकाव्य
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1.अच्युतचरित-महाकाव्य
2.कृष्णशतक-खण्डकाव्य
3.सूर्यशतक-खण्डकाव्य
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