क्या हकीकत में दिखा है
है गरीबी ,भुखमरी जब
"बोलो ,हम आजाद हैं ?"
लुट रही है आज अस्मत
सड़कों पर चलना कठिन है
"बोलो ,हम आजाद हैं ?"
धर्म में अधर्म है जब
ऊँच -नीच आज भी जब
भेद -भाव आज भी जब
"बोलो ,हम आजाद हैं ?"
माँजती है आज भी जब माँ
दूसरों के घर में बर्तन
हाथों में छाले पड़े हैं ?
"बोलो ,हम आजाद हैं ?"
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