शनिवार, 4 अगस्त 2018

ये तो अच्छी बात नहीं

छुप छुपकर पलकों को भिगोना, ये तो अच्छी बात नहीं
दिल की बातें दिल में छुपाना, ये  तो   अच्छी बात  नहीं |

तेरे    दरिया     होने   क्या,   राही    प्यासा    रह   जाए
आशिक  को  अपने  तडपाना, ये  तो  अच्छी  बात  नहीं |

जब  तक  सांसे  चलेंगी   मेरी, नाम  तेरा  लव  पर  होगा
तेरा   इतना   नखरे   दिखाना, ये   तो  अच्छी  बात  नहीं |

मान भी जाओ अब न सताओ, कहना  मेरा  मान  भी  लो
पास में  रहकर   दूर हो  जाना, ये   तो  अच्छी  बात  नहीं |

दिल की   बातें  दिल   ही    जाने  कितनी   चाहत है  मेरी
ख्वाबों    में  आना   फिर  जाना, ये  तो अच्छी  बात नहीं |

कौन   करेगा  इतनी  खिदमत, जितनी   तेरी   करता   हूँ 
फिर तेरा यह  तरसाना,   ये    तो    अच्छी    बात   नहीं  |

-डॉ.अरुण निषाद